श्री राजीव दीक्षित कहते है इन ६० सालो में नेताओ ने
जो कला धन लूट के विदेशो में जमा किया है इसको वापस लाकर
इससे विकास करना है देश का | इसको वापस लाने के चार रास्ते
है :
१. पहला रास्ता है जिन बांको में ये धन जमा है उन बांको में ये धन
निजी संपत्ति के रूप में जमा है अगर हम इस धन को रास्ट्रीय
संपत्ति घोषित करा सके तोह ये धन किसी भी बैंक में
जमा नही हो सकता ये वापस भारत में
चला आयेगा किउंकि अंतरास्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था का एक नियम
है के किसी भी देश की रास्ट्रीय संपत्ति उसी देश में जमा होती है
वो जिस देश की होती है |
अब इस काम को करने के लिए दो संस्थाए हमारे पास है एक संसद
और दूसरा सुप्रीम कोर्ट | सुप्रीम कोर्ट की ताकत है के
वो किसी भी संपत्ति को रास्त्र की संपत्ति घोषित कर सकता है
और एकबार किया भी था यूरिया घोटाले में और सुईस बैंक से
पैसा वापिस भी आ गया था | भारत स्वाभिमान ने सुप्रीम कोर्ट में
एक मुकद्दमा लगाया है के अगर यूरिया घोटाले का पैसा सुप्रीम
कोर्ट ने रास्ट्र की संपत्ति घोषित किया था तोह चारा घोटाले
का भी रास्ट्र की संपत्ति है, बोफोर्स घोटाले का भी रास्ट्र
की संपत्ति है सभी घोटालो का पैसा रास्ट्र की संपत्ति है | और
इस तर्क से अगर सुप्रीम कोर्ट सहमत हो जाये तोह सारे
विदेशी बैंक में जमा कला धन को वो रास्ट्र की संपत्ति घोषित
कर सकता है | ये घोषणा होते ही हम International court
of justice में जा सकते है फैसले को ले कर और ICJ आर्डर करे
तोह दुनिया की 70 देशो की बैंक को पैसा वापस
करना पड़ेगा भारत को | BST का ये मुकद्दमा 6 महीने बाद
स्वीकार हो गया है |
२. दूसरा रास्ता ये है के हम 4 सालो में संसद में एक प्रस्ताब
पास करना चाहते है वो ये है के 15 Aug 1947 के बाद
जितना भी धन भारत से बाहार गया वो भारत की रास्ट्रीय
संपत्ति है बस | कोई तोह संसद मिलेगा जो ये प्रस्ताब संसद में
रखेगा उस दिन बहस होगी और जो जो विरोध करगा पक्की बात
होगी के पैसे उसी के है और सारा देश देखेगा बेईमान कौन कौन है
संसद में | अगर डर के मरे विरोध नही करेगा तोह प्रस्ताब पास
हो जायेगा फिर कानून बनेगा | अगर प्रस्ताब नही पास हुआ तोह
बेईमानो को दुबारा चुनके नही भेजना है |
३. तीसरा एक रास्ता है हम पूरा काले धन का हिसाब ले कर
International Court of Justice में जा सकते है और
दुनिया के 70 देशो के खिलाफ प्रतिबन्ध लगा सकते है अमेरिका ने
थोड़े देर पहले ऐसा किया | भारत भी ऐसा कर सकता है बस एक
वीर नेता की जरुरत है |
४. क चौथा रास्ता है के हम खुद चाहे तोह सुइजरलैंड से
दादागिरी करके पैसे ला सकते है सुइजरलैंड के पास न तोह
आर्मी है ना एयर फोर्स है ना नेभल फोर्स है | छोटा सा देश है
जनसँख्या भी बहुत कम है पोलीस भी नही है
तो थोड़ी दादागिरी करो तोह दे देंगे |
और सबसे बड़ी बात के भबिश्य में ये पैसा फिर से ना बाहार जाये
इसकी पक्की व्यवस्था करेंग
http://youtu.be/7sQYxS1FgqI
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